Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2023 · 1 min read

“मैं आज़ाद हो गया”

मैं आज़ाद हो गया,
बस्ता था जिसकी निगाहों में कभी,
उसकी निगाहों से मैं आज़ाद हो गया,
कैद में था उसकी झूठी सी मोहब्बत में कभी,
मैं उसकी झूठी सी मोहब्बत से मैं आज़ाद हो गया,
बेमतलब से थे कुछ रिश्ते, हाँ थे उनमें ही कुछ मेरे अपने,
मैं बोझ था या वो बेनाम थे रिश्ते,
मगर उन रिश्तों में छुपे जज़्बात थे मेरे,
उन अपनों से दूर हो गया,
मैं उन रिश्तों से आज़ाद हो गया,
तड़प रहा था किसी की यादों में, मैं दिन-रात,
उन यादों से मैं आज़ाद हो गया,
सहमां सा था मैं पिछले बरस एक सज़ा सी भुगत रहा था,
कहने को तो ज़िंदा था पर अन्दर-अन्दर मर रहा था,
साँसों में साँसें तो थी मगर दम घुट सा रहा था,
दिल के ज़ख्मों के वार से बेबस मैं सज़ा खुद को दे रहा था,
उन सजाओं से मैं आज़ाद हो गया,
खुद को पा कर खुद का हो गया,
आज मैं आज़ाद हो गया।
“लोहित टम्टा”

4 Likes · 5 Comments · 412 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मलाल आते हैं
मलाल आते हैं
Dr fauzia Naseem shad
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
Dr Archana Gupta
बुंदेली दोहा गरे गौ (भाग-2)
बुंदेली दोहा गरे गौ (भाग-2)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
💐प्रेम कौतुक-543💐
💐प्रेम कौतुक-543💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*समीक्षकों का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
*समीक्षकों का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
Seema gupta,Alwar
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
gurudeenverma198
मोक्ष
मोक्ष
Pratibha Pandey
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
Manoj Mahato
आखिरी दिन होगा वो
आखिरी दिन होगा वो
shabina. Naaz
"उजाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
भगतसिंह के ख़्वाब
भगतसिंह के ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
सम्भाला था
सम्भाला था
भरत कुमार सोलंकी
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मैं पढ़ने कैसे जाऊं
मैं पढ़ने कैसे जाऊं
Anjana banda
2385.पूर्णिका
2385.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वो मुझे पास लाना नही चाहता
वो मुझे पास लाना नही चाहता
कृष्णकांत गुर्जर
चुनावी रिश्ता
चुनावी रिश्ता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Sakshi Tripathi
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है,
हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है,
Manisha Manjari
मन के ढलुवा पथ पर अनगिन
मन के ढलुवा पथ पर अनगिन
Rashmi Sanjay
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
Neelam Sharma
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
AVINASH (Avi...) MEHRA
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Thought
Thought
Jyoti Khari
Loading...