Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2024 · 1 min read

मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ

मैं अपने जीवन की एक कहानी, तुमको सुनाता हूँ आज।
हो मत जाना मुझसे दूर तुम , सुनकर मेरा यह राज।।
मैं अपने जीवन की एक——————————–।।

कुछ भी नहीं था मैं तो सिर्फ, एक गरीब इंसान था।
मेरा चमन आबाद नहीं था, बेकश और सुनसान था।।
कुछ भी नहीं थी मेरी दुनिया, घर था मेरा नासाज।
हो मत जाना मुझसे दूर तुम , सुनकर मेरा यह राज।।
मैं अपने जीवन की एक————————–।।

वक़्त बदला, जग यह बदला, मेरा भी अरमान बना।
छोटा सा सपना देखा मैंने भी, मैं भी एक पहचान बना।।
जी रहा हूँ सबकी तरहां, मैं भी इस जमीं पर आज।
हो मत जाना मुझसे दूर तुम , सुनकर मेरा यह राज।।
मैं अपने जीवन की एक————————।।

जीवो और जीने दो सबको, ना तुम किसी पे जुल्म करो।
होने दो सबके साकार सपनें, मिलजुलकर सबसे तुम रहो।।
बस यही है मेरी जुबानी, सबकी सुनो तुम आवाज़।
हो मत जाना मुझसे दूर तुम , सुनकर मेरा यह राज।।
मैं अपने जीवन की एक————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
68 Views

You may also like these posts

पहला इश्क
पहला इश्क
Dipak Kumar "Girja"
ज़माने में हर कोई अब अपनी सहूलियत से चलता है।
ज़माने में हर कोई अब अपनी सहूलियत से चलता है।
शिव प्रताप लोधी
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
shabina. Naaz
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
Mahender Singh
मोबाइल निगल गया
मोबाइल निगल गया
*प्रणय*
हिन्दू एकता
हिन्दू एकता
विजय कुमार अग्रवाल
यक्षिणी - 2
यक्षिणी - 2
Dr MusafiR BaithA
"" *आओ गीता पढ़ें* ""
सुनीलानंद महंत
तेरे दर पर
तेरे दर पर
ललकार भारद्वाज
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
मिलता भी कैसे आसरा
मिलता भी कैसे आसरा
Dr fauzia Naseem shad
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
Ravi Prakash
"स्वभाव"
Dr. Kishan tandon kranti
पढ़ें बेटियां-बढ़ें बेटियां
पढ़ें बेटियां-बढ़ें बेटियां
Shekhar Chandra Mitra
ख़ामोश सा शहर
ख़ामोश सा शहर
हिमांशु Kulshrestha
चंदा मामा कितनी दूर है
चंदा मामा कितनी दूर है
Sudhir srivastava
हमारे जैसी दुनिया
हमारे जैसी दुनिया
Sangeeta Beniwal
दर्द भी तू है,हमदर्द भी तू है।
दर्द भी तू है,हमदर्द भी तू है।
Rj Anand Prajapati
जीवन...!!
जीवन...!!
पंकज परिंदा
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
Sunita Gupta
भूल नहीं पाये हम अभी तक
भूल नहीं पाये हम अभी तक
gurudeenverma198
पुकार
पुकार
Minal Aggarwal
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
नारी
नारी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
भगवान भी शर्मिन्दा है
भगवान भी शर्मिन्दा है
Juhi Grover
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
कवि रमेशराज
त्याग
त्याग
मनोज कर्ण
अनुभव
अनुभव
Sanjay ' शून्य'
कौन सुनेगा बात हमारी
कौन सुनेगा बात हमारी
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...