मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
मैं अपने जीवन की एक कहानी, तुमको सुनाता हूँ आज।
हो मत जाना मुझसे दूर तुम , सुनकर मेरा यह राज।।
मैं अपने जीवन की एक——————————–।।
कुछ भी नहीं था मैं तो सिर्फ, एक गरीब इंसान था।
मेरा चमन आबाद नहीं था, बेकश और सुनसान था।।
कुछ भी नहीं थी मेरी दुनिया, घर था मेरा नासाज।
हो मत जाना मुझसे दूर तुम , सुनकर मेरा यह राज।।
मैं अपने जीवन की एक————————–।।
वक़्त बदला, जग यह बदला, मेरा भी अरमान बना।
छोटा सा सपना देखा मैंने भी, मैं भी एक पहचान बना।।
जी रहा हूँ सबकी तरहां, मैं भी इस जमीं पर आज।
हो मत जाना मुझसे दूर तुम , सुनकर मेरा यह राज।।
मैं अपने जीवन की एक————————।।
जीवो और जीने दो सबको, ना तुम किसी पे जुल्म करो।
होने दो सबके साकार सपनें, मिलजुलकर सबसे तुम रहो।।
बस यही है मेरी जुबानी, सबकी सुनो तुम आवाज़।
हो मत जाना मुझसे दूर तुम , सुनकर मेरा यह राज।।
मैं अपने जीवन की एक————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)