“मैं अपनी धुन में चला
“मैं अपनी धुन में चला
तो चला ही जाऊंगा,
सफ़र शुरू जो हुआ
फिर ये रुक नहीं सकता।
जो तेरे नाज़ उठा लें,
तुझे मुबारक हों,
मैं अपनी हद से ज़ियादा
तो झुक नहीं सकता।।
★प्रणय प्रभात★
“मैं अपनी धुन में चला
तो चला ही जाऊंगा,
सफ़र शुरू जो हुआ
फिर ये रुक नहीं सकता।
जो तेरे नाज़ उठा लें,
तुझे मुबारक हों,
मैं अपनी हद से ज़ियादा
तो झुक नहीं सकता।।
★प्रणय प्रभात★