Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2024 · 1 min read

मैं अक्सर शायरी लिखता हूँ

अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए
अपनी मुस्कान के पीछे दर्द को बयां करने के लिए
अपने मन की अनकही बातों को कहने के लिए
अपने ख्वाबों का ख्याल रखने के लिए
अपने दिल को धड़कते रहने के लिए
अपने जज्बातों को जवान रखने के लिए
अपने आप को खुद में जिंदा रखने के लिए
अपने वजूद को कायम रखने के लिए
शिव प्रताप लोधी

Language: Hindi
53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all

You may also like these posts

जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे
जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे
VINOD CHAUHAN
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
अहिंसा
अहिंसा
Sudhir srivastava
भगवान शिव शंभू की स्तुति
भगवान शिव शंभू की स्तुति
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भले संसद आरक्षित
भले संसद आरक्षित
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
सच दुनियांँ को बोल नहीं
सच दुनियांँ को बोल नहीं
दीपक झा रुद्रा
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
रेखा कापसे
कान्हा जन्मोत्सव
कान्हा जन्मोत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
ज़िन्दगी..!!
ज़िन्दगी..!!
पंकज परिंदा
International Day Against Drug Abuse
International Day Against Drug Abuse
Tushar Jagawat
लगाव
लगाव
Arvina
राम जैसा मनोभाव
राम जैसा मनोभाव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
4606.*पूर्णिका*
4606.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हरदम की नाराजगी
हरदम की नाराजगी
RAMESH SHARMA
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
Diwakar Mahto
महाप्रयाण
महाप्रयाण
Shyam Sundar Subramanian
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
ज्ञानमय
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*मोहब्बत बनी आफत*
*मोहब्बत बनी आफत*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
स्कूल चले
स्कूल चले
विजय कुमार नामदेव
युवतियों को देखकर भटक जाता हूँ रास्ता
युवतियों को देखकर भटक जाता हूँ रास्ता
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय*
आईना
आईना
Kanchan Advaita
* जगो उमंग में *
* जगो उमंग में *
surenderpal vaidya
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
आक्रोश प्रेम का
आक्रोश प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
लंबा क़ानून
लंबा क़ानून
Dr. Rajeev Jain
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
Sonam Puneet Dubey
Loading...