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9 Aug 2021 · 1 min read

मैं अंबेडकर बोल रहा हूं!

“सवालों में रहता हूं !
जवाबों में रहता हूं!!
मूर्तियों में नहीं, मैं-
किताबों में रहता हूं!!
हक़ के लिए
उठने वाली
बेख़ौफ़ और बेबाक
आवाज़ों में रहता हूं!”

Language: Hindi
145 Views
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