मैंने सोचा
मैंने सोचा
चूम लूँगा
तुम्हारे माथे को
प्यार से
तुम खड़े रहे
अकड़-सी लिए
देवदार से
मैंने
अब सोच लिया हैं
ख़ुद को बदलना है
अगले
रविवार से।
तुम भी मेरी
वो चिट्ठीयाँ लौटा दो
फेंकी थी
जो मैंने
दीवार से।
मैंने सोचा
चूम लूँगा
तुम्हारे माथे को
प्यार से
तुम खड़े रहे
अकड़-सी लिए
देवदार से
मैंने
अब सोच लिया हैं
ख़ुद को बदलना है
अगले
रविवार से।
तुम भी मेरी
वो चिट्ठीयाँ लौटा दो
फेंकी थी
जो मैंने
दीवार से।