मैंने भी एक दीप जलाया __ कविता
मैंने भी एक दीप जलाया _अपने दिल के अंदर।
चिंतन बाती तेल मनन का डाला हे जिसके अंदर।।
**कभी यह बुझ न पाए जीवन भर जलता जाए**
बांटू प्रीत निभाऊं रीत यही तो जीवन ज्योति हैं।
त्याग समर्पण कभी न छूटे अनमोल यह मोती है।।
भाव यह जगमग अंतर मन में निरंतर जगता जाए।
**कभी यह बुझ न पाए जीवन भर जलता जाए**
, ?? शुभ दीपावली ??
राजेश व्यास अनुनय