Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2024 · 1 min read

मैंने प्रेम किया और प्रेम को जिया भी।

मैंने प्रेम किया और प्रेम को जीया भी।
पर जिससे किया वो मेरा नहीं है।
बस एक मात्र प्रेम है,
जो मेरा अपना है।
❤ -लक्ष्मी सिंह

43 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

*उषा का आगमन*
*उषा का आगमन*
Ravindra K Kapoor
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
भुजंग प्रयात छंद
भुजंग प्रयात छंद
Rambali Mishra
जाते जाते कुछ कह जाते --
जाते जाते कुछ कह जाते --
Seema Garg
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
शेखर सिंह
बापूजी(नानाजी)
बापूजी(नानाजी)
Kanchan Alok Malu
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
Manoj Mahato
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*राज कपूर के अनन्य प्रशंसक मुरादाबाद निवासी डॉक्टर राकेश कुम
*राज कपूर के अनन्य प्रशंसक मुरादाबाद निवासी डॉक्टर राकेश कुम
Ravi Prakash
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
ओसमणी साहू 'ओश'
प्रेम गीत
प्रेम गीत
हरीश पटेल ' हर'
रामलला फिर आएंगे
रामलला फिर आएंगे
इंजी. संजय श्रीवास्तव
चमकते तारों में हमने आपको,
चमकते तारों में हमने आपको,
Ashu Sharma
हुए प्रकाशित हम बाहर से,
हुए प्रकाशित हम बाहर से,
Sanjay ' शून्य'
जीना यदि चाहते हो...
जीना यदि चाहते हो...
आकाश महेशपुरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
चंद्रयान विश्व कीर्तिमान
चंद्रयान विश्व कीर्तिमान
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
पैसे की क़ीमत.
पैसे की क़ीमत.
Piyush Goel
आज उम्मीद है के कल अच्छा होगा
आज उम्मीद है के कल अच्छा होगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
■ रोचक यात्रा वृत्तांत :-
■ रोचक यात्रा वृत्तांत :-
*प्रणय*
"शून्य"
Dr. Kishan tandon kranti
आप अपनी नज़र फेर ले ,मुझे गम नहीं ना मलाल है !
आप अपनी नज़र फेर ले ,मुझे गम नहीं ना मलाल है !
DrLakshman Jha Parimal
लाज शर्म की फाड़ दी,तुमने स्वयं कमीज
लाज शर्म की फाड़ दी,तुमने स्वयं कमीज
RAMESH SHARMA
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत
हिमांशु Kulshrestha
पृष्ठों पर बांँध से बांँधी गई नारी सरिता
पृष्ठों पर बांँध से बांँधी गई नारी सरिता
Neelam Sharma
कोरी किताब
कोरी किताब
Dr. Bharati Varma Bourai
गंगा- सेवा के दस दिन..पांचवां दिन- (गुरुवार)
गंगा- सेवा के दस दिन..पांचवां दिन- (गुरुवार)
Kaushal Kishor Bhatt
3473🌷 *पूर्णिका* 🌷
3473🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...