मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
खुद के अंर्तमन को टटोला
मुझे आजतक कभी regret फील नही हुआ
किसी बात के लिए
कोई भी ऐसी बात नहीं हुई
जो मुझे शर्मिंदा कर दे आइने के सामने
जो मुझे मेरी नजरों में गिरा दे
मैंने अपने गुस्से को नियंत्रित किया
मैंने नफ़रत का जबाब नफ़रत से नही दिया
मैंने उन सबको माफ कर दिया
जिन्होंने मेरा दिल दुखाया
पर मैंने मेरे स्वाभिमान को कभी आहत नही होने दिया
लोग इसे मेरा घमंड कहे तो
मैं कुछ नहीं कर सकती
बस उनसे कहूँगी
आप किनारे हो जाओ
मुझे आगे बढ़ना है