Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 1 min read

मैंने कितना ढूंढा उस को

मैंने कितना ढूंढा उस को
ब्रज, मथुरा, वृन्दावन में।
अपने भीतर झाँख के देखा,
श्याम था मेरे अंतर्मन में।

साँझ को जमुना तट पर,
वो मुरली मधुर बजाता था।
मैं दौड़ी चली जाती थी,
वो जब भी मुझे बुलाता था।

निस-दिन मेरी आँखों से,
अश्रु की धारा बहती है।
मेरा श्याम ज़रूर आएगा,
हर बूँद बस यही कहती है।

हर जनम में अपने श्याम से,
मैं तो प्रीत लगाउंगी।
उस के प्रेम की छाया में,
सौ-सौ सदी बिताऊंगी।

त्रिशिका श्रीवास्तव धरा
कानपुर (उत्तर प्रदेश)

1 Like · 134 Views
Books from Trishika S Dhara
View all

You may also like these posts

तुम ऐसे उम्मीद किसी से, कभी नहीं किया करो
तुम ऐसे उम्मीद किसी से, कभी नहीं किया करो
gurudeenverma198
"उलाहना" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सार्थक जीवन - मंत्र
सार्थक जीवन - मंत्र
Shyam Sundar Subramanian
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नहीं जानता क्या रिश्ता है
नहीं जानता क्या रिश्ता है
हिमांशु Kulshrestha
👌
👌
*प्रणय*
युवा है हम
युवा है हम
Pratibha Pandey
नवगीत : हर बरस आता रहा मौसम का मधुमास
नवगीत : हर बरस आता रहा मौसम का मधुमास
Sushila joshi
श्री राम का जीवन– संवेदना गीत।
श्री राम का जीवन– संवेदना गीत।
Abhishek Soni
*गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती (राधेश्यामी छ
*गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
काग़ज़ो के फूल में ख़ुशबू कहाँ से लाओगे
काग़ज़ो के फूल में ख़ुशबू कहाँ से लाओगे
अंसार एटवी
किसी भी कीमत पर तेरी होना चाहती हूं
किसी भी कीमत पर तेरी होना चाहती हूं
Jyoti Roshni
किसी की याद मे आँखे नम होना,
किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जय माँ शारदे
जय माँ शारदे
Arvind trivedi
परिवर्तन
परिवर्तन
Shally Vij
अनन्यानुभूति
अनन्यानुभूति
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Being liked and loved is a privilege,
Being liked and loved is a privilege,
Chitra Bisht
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
श्यामा चिड़िया
श्यामा चिड़िया
जगदीश शर्मा सहज
जग में सबसे प्यारा है ये,अपना हिंदुस्तान
जग में सबसे प्यारा है ये,अपना हिंदुस्तान
Dr Archana Gupta
मन   पायेगा   कब   विश्रांति।
मन पायेगा कब विश्रांति।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*
*"ओ पथिक"*
Shashi kala vyas
शीर्षक -छाई है धुंँध
शीर्षक -छाई है धुंँध
Sushma Singh
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
sp105 पांच दिनों का है त्यौहार
sp105 पांच दिनों का है त्यौहार
Manoj Shrivastava
23/175.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/175.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी संवेदनाएं
मेरी संवेदनाएं
Shalini Mishra Tiwari
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
Suryakant Dwivedi
"संगम स्थली दंतेवाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...