मैंने कहा-नी
अब समंदर भी कैसे कहे तुमसे अपनी वो कहानी
ना भर सकता है सागर अब अपनी आँखों में पानी
ना कह सकता अपनी कहानी वो यूं अपनी जुबानी
छुपा लो बेशक छुपा सकते हो मुझसे मैंने कहा-नी।।
?मधुप बैरागी
अब समंदर भी कैसे कहे तुमसे अपनी वो कहानी
ना भर सकता है सागर अब अपनी आँखों में पानी
ना कह सकता अपनी कहानी वो यूं अपनी जुबानी
छुपा लो बेशक छुपा सकते हो मुझसे मैंने कहा-नी।।
?मधुप बैरागी