मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थिति किसी को उदास कर देगी…!
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा,कि मेरी अनुपस्थिति किसी को उदास कर देगी।
मैं जानता हूँ कि दुनिया चलती रहेगी,मेरे बिना भी, बिना किसी रुकावट के।।
मैं एक छोटा सा कण हूँ इस विशाल ब्रह्मांड में,मेरा आना-जाना कोई महत्व नहीं रखता।
जैसे रेत का एक दाना बह जाता है समुद्र में,वैसे ही मेरा जीवन भी गुम हो जाएगा इस अनंत काल में।।
फिर भी मैं जीता हूँ, हर पल का आनंद लेता हूँ।मैं प्यार करता हूँ, हँसता हूँ, रोता हूँ,और जीवन की हर भावना को अनुभव करता हूँ।।
क्योंकि मैं जानता हूँ कि यह जीवन अनमोल है,और इसे व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए।
मैं हर पल को जी भरकर जीना चाहता हूँ,और अपनी छाप छोड़ना चाहता हूँ इस दुनिया में।।
भले ही मेरी अनुपस्थिति किसी को उदास न करे,लेकिन मैं चाहता हूँ कि मेरी उपस्थिति से किसी को खुशी मिले।
मैं चाहता हूँ कि मेरे जाने के बाद भीमेरे अच्छे कामों को याद किया जाए।।
मैं चाहता हूँ कि मेरा जीवन व्यर्थ न जाए,और मैं इस दुनिया में कुछ अच्छा कर सकूं।।