मेहनत के फल
गलती करते करते
पहुंचेगा वो उस रस्ते
जहां मिल जायेंगे उसे
कामयाबी के गुलदस्ते ।
डरेगा नही वो
हालात कितने भी हो खस्ते
चढ़ जायेगा वो सीढ़ी
ख्वाबों की हंसते हंसते ।
रोकेगी दुनिया उसे
आगे बढ़ने से फब्तियां कसते
रूकेगा न वो
जमाने की बंदिशो के चलते ।
आशियाना बना ही लेगा वो
दूसरो को देख बसते
दामन मे समेट लेगा
मेहनत के फल बरसते ।।
राज विग