मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
मेहनती को, नाराज नहीं होने दूंगा।
निजराष्ट्र को, बर्बाद नहीं होने दूंगा।
‘हिंद’ सदा विद्वानों की भूमि रही है;
अज्ञानी को सरताज नहीं होने दूंगा।
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