मेले का दृश्य
हम बच्चे जब गये घूमने
देखा सुंदर मेले का दृश्य
शिवा , कृष्णा , नैना लगे पूछने
क्या दिलाओगी मेला से अम्मा
खिलखिलाकर बोली अम्मा ,
हैं यहाँ खेल खिलौने
जो चाहो ले लेंना
झूला झूलने में लगी थी
टिकट घर में लम्बी लाइन
आओ मिलते है जोकर अंकल से
जो हँसते हँसाते , सर्कस में ,
अच्छे – अच्छे करतब दिखाकर
पब्लिक का मनोरंजन कर
ताली ख़ूब बजवाते हैं
अम्मा हमें खिलाओ चाट पाकोड़ी
निब्बू पानी , ठंडे ठंडे
बर्फ़ के गोले , चूसना
हमको पिलवादेना
झूले की सेर कराकर ,
रंग – बिरंगे ग़ुब्बारो भी
हमको दिला देना
मौज मस्ती कर
मेले का लुफ़्ट उठाकर
हम बच्चों को
बहुत आनंद आया॥