मेरे हमराज
मेरे हमराज हो तुम तो, मेरे हमराज ही रहना।
मेरे दिल की हो तुम धड़कन, बस यूँही बने रहना।।
मेरे ये चैन देखो ना, बड़ा बेचैन रहता हूँ।
मेरे हमदम जरा सोचो, कहा हरदम मैं रहता हूँ।।
तुम्हे देखू ख्यालो मे, ना जाने क्यो नही मिलते।
मेरे दिल मे बसे हो तुम, मेरे जज्बात तुम बनके।।
जरा सोचो कभी ये तो, मेरा क्या हाल होता हैं?
मैं जब तुझसे दूर होता हूँ, मेरा बेहाल होता हैं।।
मेरे दिल की जो धड़कन हैं, उसे तू सुन नही पाती।
मेरे मन मे चले जज्बात, उन्हे तू पढ़ नही सकती।।
ललकार भारद्वाज