मेरे हमदम साथ निभाना
मेरे हमदम साथ निभाना
अपना वादा भूल न जाना
आकाश की न सैर कराना
धरती पर ही चलते जाना
बातों में अब कड़वाहट है
क्या दूरियों की आहट है
भूलो मत प्यार का तराना
मेरे हमदम साथ निभाना
रिश्ते निभाने पर तुले हैं
दरवाजे अब भी खुले हैं
जारी रखो आना जाना
मेरे हमदम साथ निभाना
नहीं मिलता जो तकरार से
जीतकर तो देखो प्यार से
आसान कर दो ये फसाना
मेरे हमदम साथ निभाना
चार दिन हैं ज़िन्दगी के
खोज लो बहाने खुशी के
क्या रूठना क्या मनाना
मेरे हमदम साथ निभाना
-अरशद रसूल