“मेरे साई”
मेरे साई, मेरे साई,मेरे साई,
साई बाबा के नाम की ए महिमा है.
भक्तो को दिए हुए उनके दो शब्द,
श्रद्धा और सबुरी है…
मेरे बाबा का शिर्डी आणा,
हमारे लीए एक चमत्कार है.
निम के वृक्ष के तले आराम से बैठे,
रामजी भला करे ऐसा आशीर्वाद देणा है…
उनके ग्यारह वचन,
भक्तो के लीए उनका दर्शन है.
ए ग्यारह वचन साई बाबा के,
ग्यारह वरदान है…
बाबा की लिलाए औलोकिक है,
हर धर्म का भक्त बाबा को प्यारा है.
बाबा की वीभूतिसे चमत्कार होते है,
अलाह मालिक कहतेही सबको ठीक करते है…
बायजा माँ का वो प्यारा बेटा है,
पाणी से दिए वही जलाता है.
मेरे बाबा के समाधी पे सर रखतेही,
सबकी झोलीया भर जाती है…
दूर दूर से लोग आते है,
अपने दुख दर्द लेके आते है.
बाबा के दर से कोई खाली नही जाता है,
द्वारका माई से सब हसते घर जाते है…