मेरे सरकार आते हैं (भक्ति-गीत)
मेरे सरकार आते हैं ( भक्ति-गीत)
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मौहब्बत से बुलाओ तो
मेरे सरकार आते हैं
(1)
न पैसे से ,न राजाओं के
महलों से उन्हें मतलब,
तुम्हारे जो दिखावे हैं
उन्हें वो देखते हैं कब ?
उन्हें दिल से हमारे
अनगढ़े बस शब्द भाते हैं
मौहब्बत से बुलाओ ,तो
मेरे सरकार आते हैं
(2)
मेरे सरकार का आना
हवाओं से भी हल्का है,
कहाँ दुनिया के उस मालिक का
चेहरा कोई झलका है
कभी वह मौन लगते हैं
कभी लगता है गाते हैं ,
मौहब्बत से बुलाओ ,तो
मेरे सरकार आते हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451