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19 May 2024 · 1 min read

संसार मेरे सपनों का

संसार मेरे सपनों का कैसा हो
मानव में मानवता रहे ऐसा हो

बना रहे मानव में सद् व्यवहार
सदा रहे संवेदनाओं का भंडार
हर पल रहें करने सेवा को तैयार
बने रहें सदा एक दूसरे के मददगार

काम क्रोध मद लोभ दंभ द्वेष
दूर हो जाएं दुर्गुण , न रहे शेष
सभी रहें सदैव सुख दुख में साथ
ओम् कभी न छोड़ें एक दूसरे का हाथ

ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश

Language: Hindi
82 Views
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