मेरे लिए…..
तेरी तबस्सुम ही तरन्नुम है मेरे लिए,
और क्या चाहिए मुझे मेरे लिए ।
फ़ना हो जाऊ तेरे इश़्क के लिए,
दिल में थोडी़ जगह रखना मेरे लिए ।।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)
तेरी तबस्सुम ही तरन्नुम है मेरे लिए,
और क्या चाहिए मुझे मेरे लिए ।
फ़ना हो जाऊ तेरे इश़्क के लिए,
दिल में थोडी़ जगह रखना मेरे लिए ।।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)