Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

मेरे लफ़्ज़ों में जो खुद को तलाश लेता है।

मेरे लफ़्ज़ों में जो खुद को तलाश लेता है।
अपनी किस्मत पे समझो लात मार लेता है।

65 Views

You may also like these posts

वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
Phool gufran
सावन
सावन
Neha
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा
जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा
अंसार एटवी
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
शेखर सिंह
ज़हनी मौत
ज़हनी मौत
Shekhar Chandra Mitra
गले लगना है तो उसको कहो अभी लग जाए
गले लगना है तो उसको कहो अभी लग जाए
Jyoti Roshni
"दिखावे की खुशी"
*प्रणय*
हर किसी पे भरोसा न कर ,
हर किसी पे भरोसा न कर ,
Yogendra Chaturwedi
निज प्रभुत्व में हैं जीते जो
निज प्रभुत्व में हैं जीते जो
Arvind trivedi
रात का रक्स..
रात का रक्स..
हिमांशु Kulshrestha
Black board is fine.
Black board is fine.
Neeraj Agarwal
विश्वास
विश्वास
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"पता चला"
Dr. Kishan tandon kranti
पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है
पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
gurudeenverma198
सत्य
सत्य
Rambali Mishra
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*राही धन्य महेश जी, हिंदी के सिरमौर (कुंडलिया)*
*राही धन्य महेश जी, हिंदी के सिरमौर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आई तेरी याद तो,
आई तेरी याद तो,
sushil sarna
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
गृहणी
गृहणी
Sonam Puneet Dubey
"Cakhia TV - Nền tảng xem bóng đá trực tuyến hàng đầu. Truyề
Social Cakhiatv
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परिवार का सत्यानाश
परिवार का सत्यानाश
पूर्वार्थ
मेरे बुरे होने में एक बात यह भी है कि।
मेरे बुरे होने में एक बात यह भी है कि।
Ashwini sharma
नशा नाश करके रहे
नशा नाश करके रहे
विनोद सिल्ला
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
जगत जननी की पीड़ा
जगत जननी की पीड़ा
Sudhir srivastava
Loading...