मेरे मुस्कराने की वजह तुम हो
मेरे मुस्कराने की वजह तुम हो,
मेरे तड़पने की वजह तुम हो।
अस्तित्व नहीं है मेरा तेरे बिना,
हर दर्द व मर्ज की दवा तुम हो।।
मेरे जीने की वजह भी तुम हो,
मेरे मरने की वजह भी तुम हो।
करती हूं जो कोई भी गुनाह मै,
उस गुनाह के जिम्मेदार तुम हो।।
मेरी नाव की पतवार भी तुम हो
मेरे घोड़े के घुड़सवार भी तुम हो।
जिस दिशा में भी ले जाओ तुम,
उस हक के हकदार भी तुम हो।।
मेरे दिल की धड़कन भी तुम हो,
मेरे हर स्वास में बसे भी तुम हो।
जी न सकती अब तुम्हारे बेगैर,
मेरे रोम रोम में बसे भी हो तुम।।
मेरे ख्यालों व प्राणों में तुम हो,
मेरे हर स्वपन में दिखते तुम हो।
बताओ वो कौन सी जगह है,
जहां आते जाते नही तुम हो।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम