मेरे बेटे ने
छोड़ दिया है दामन मेरा मेरे बेटे ने।
दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने।
जिसको राजा बेटा कहकर रोज बुलाते थे।
जिसका सर सहलाकर पूरी रात सुलाते थे।
क्यों इतना कड़वा बोल दिया है मेरे खोटे ने।
दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने।
गिरवी मेरे सपने मेरी इच्छाएं लाचार थी।
उसकी दुनिया लगती मुझको मेरा ही आकार थी।
कैसे धक्के मारे मुझको मेरे छोटे ने।
दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने।
क्या करुणा का सागर उसका सुख गया होगा।
बूढ़े कन्धों से उसका मन ऊब गया होगा।
गले लगा ले माँ बोली ना समझा बेटे ने।
दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने।
डर लगता है यहाँ पराये होंगे कैसे कैसे।
घर ले चल तू मुझको मैं रह लुंगी जैसे तैसे।
एक बार ना पीछे मुड़कर देखा बेटे ने।
दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने।
सुखी अंतड़ियों की खातिर अब दो रोटी भी भारी है।
जिसने उसको जन्म दिया है वो ही बना अनारी है।
छूना चाहा उसको झटका मेरे बेटे ने।
दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने।