मेरे प्यार की दास्तान
प्यार की दास्तान,
मुझे उससे मोहब्बत है,
बताना भूल जाता हूँ,
मै रोज देखता हूँ, उसको
भूलाना भूल जाता हूँ,
मै उसके पीछे जाता हूँ,
वो मुस्कुरा के जाती हैं,
ना जाने क्यों मुझे वो, मुझको
फिर से मेरी नजरों के सामने मिलती है!!
क्यों पागल है उसके प्यार में,
मेरे दोस्त कहे मुझ से, !
वो समझते नहीं की,
मैने मोहब्बत की है, दिल से उसे!!
कयों देखके वो भी ना बोले,
क्या कमी थी मेरे प्यार में!
मोहब्बत उसको भी थी शायद,
मगर बताना भूल जाती थी!!
तेरी कॉलेज में आया हूँ,
पागल कहे मुझ से,ये दुनिया तेरी!
तु सुन ले मेरी, ये आवाज़
तु सामने आती हैं तो,
बोलना भूल जाता हूँ!!
क्या हिन्दू, क्या मुस्लिम,,
क्या है ये दास्तान,
पता नहीं मुझ को ये मंजर, !
मुझे उससे मोहब्बत है,
बताना भूल जाता हूँ!!
मैं रोज़ रोकर भी, तुम्हें ही याद करता हूँ!
मुझे तुमसे मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,!!
कह दे ज्ऱा, तु कह दे, मोहब्बत है तुमको मुझसे,!
वहीं बात में कह दुंगा, मोहब्बत है मुझे भी तुमसे!!
मुझे उससे मोहब्बत है,
बताना भूल जाता हूँ,,
में रोज देखता हूँ तुमको,,
बताना भूल जाता हूँ,!!!
लेखक- सलमान खांन ( Satyawati college eve)
Mob- 9050532716