” मेरे प्यारे बच्चे “
” मेरे प्यारे बच्चे ”
उठते ही प्रभात में खिलखिलाते हैं
पैर छूकर पापा के आशीर्वाद पाते हैं
रसोई में मम्मी का हाथ भी बंटाते हैं
मेरी जान से प्यारे हैं मेरे नन्हे बच्चे,
लक्की का साथ पाकर वो हर्षाते हैं
कभी तो जिद्द पर भी अड़ जाते हैं
रूठे जब मीनू बड़े प्यार से मनाते हैं
मेरी आंखों के तारे हैं मेरे नन्हे बच्चे,
बाहर घूमने के नाम से झूम जाते हैं
साईकिल को तेजी से मचकाते हैं
लगे जब डांट तो नयन भर लाते हैं
राज के राज दुलारे हैं मेरे नन्हे बच्चे,
लेट उठकर सुबह दोनों संडे मनाते हैं
कभी तो बड़े बन मुझको समझाते हैं
रूठते नहीं कभी भी बस मुस्कुराते हैं
मेरे जीवन के सितारे हैं मेरे नन्हे बच्चे,
मेरी हर बात की हां में हां मिलाते हैं
स्कूल की बातें हंस हंस कर बताते हैं
करें जब शैतानी तो ऊधम मचाते हैं
सारे जग से न्यारे हैं मेरे नन्हे बच्चे।