मेरे पूर्ण मे आधा व आधे मे पुर्ण अहसास हो
मेरे पूर्ण मे आधा व आधे मे पुर्ण अहसास हो
मेरे सुख दुःख में जीवन का तुम ही अर्मान् हो
अब कैसे और क्या कहु तुम मेरे लिये कोन हो
इसी दिन से तुम ही प्रीत हो मेरे जीवन का सार हो
मेरे पूर्ण मे आधा व आधे मे पुर्ण अहसास हो
मेरे सुख दुःख में जीवन का तुम ही अर्मान् हो
अब कैसे और क्या कहु तुम मेरे लिये कोन हो
इसी दिन से तुम ही प्रीत हो मेरे जीवन का सार हो