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12 Feb 2024 · 1 min read

मेरे पिता

मेरे पिता
भोर की नींद को त्याग
एक कप चाय को सुड़क
अखबार बांटते मेरे पिता
उनके साइकिल चलाने से
हमारा घर खर्च चलता था
वह मुझे जगाते पढ़ने बैठा कर
निकल पड़ते अखबार के बंडल के साथ
सर्दी गर्मी वर्षा ऋतु अखबार कभी नहीं रुकता
नहीं रुकते साईकिल पर मेरे पिता के पैर
मेहनत पिता से और धेर्य माँ से सीखा
अखबार बाँटने वाले तुम को देखता हूँ
आज भी जब ऑफिस में अखबार पढ़ता हूँ
तो उसमें छुपा पिता का प्यार दिखाई देता है
इससे मिली आमदनी मां का घर चलाना
सब कुछ मुझे बहुत याद आता है

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