मेरे पास कविताएं हैं तुम्हारे लिए।
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मेरे पास कविताएं हैं तुम्हारे लिए।
तुम्हारे पास क्या है मेरे लिए?
तुम्हारी भूख ने मुझे बदल दिया है।
मैं लड़ाका से योद्धा बन गया
साम्राज्य के लिए।
उन कविताओं से तुम्हारे भविष्य के
रास्ते उकेरता मैं।
प्रशिक्षित करता तुम्हें धावक सा
दौड़ लगाने के लिए।
तुमने भरवा दिया हवस कवियों में
साम्राज्य के लिए।
कष्ट हिस्सा है जीने का
दर्द नहीं होता उसे जीने से।
दु:ख होता तब है जब तुम
रचते हो कष्ट,अकूत जमा कर
और
हमें पहरे पर बिठाकर।
मेरे पास युगों से पीड़ा से नि:शब्द
चीखे गए स्वरों की तरंगे हैं।
तुम्हारे पास क्या है मेरे लिए
बस,लोभ के शुभ-लाभ की बही।
उस गणित ने मेरे कविताओं का
सारा ऐश्वर्य कर दिया है अपमानित।
मेरे पास झूठ को झूठ कहने का
एक अवसर था।
तुम्हारी ‘भाग्य को भोग’ करने की तन्मयता ने
भंग कर दिया मेरी सारी तपस्याएँ।
हे विश्व! तुम्हारी दुनियादारी में
धब्बे-दाग बहुत हैं
कुछ नहीं मेरे लिए।
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