Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2018 · 1 min read

मेरे पंख

मेरे पंख
********
दिल्लगी कर गया दिल लगाया जो था।
एक ही आँख म़े मुझको भाया जो था।
प्यार उससे हुआ मन तभी मिल गया-
मेरे सपने में हर दिन वो आया जो था।।

वो गया भाग्य लगता मेरे सो गये।
रात रोते रहे रो के हम सो गये।
वो रहा जब तलक मन गगन में फिरा-
क्या गया मेरे पंख ही कही खो गये।।
*****
✍✍पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
श्री कृष्ण अवतार
श्री कृष्ण अवतार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जिंदगी ना जाने कितने
जिंदगी ना जाने कितने
Ragini Kumari
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
Phool gufran
चन्द्रयान
चन्द्रयान
Kavita Chouhan
3242.*पूर्णिका*
3242.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जय महादेव
जय महादेव
Shaily
तू याद कर
तू याद कर
Shekhar Chandra Mitra
नयन कुंज में स्वप्न का,
नयन कुंज में स्वप्न का,
sushil sarna
नूतन सद्आचार मिल गया
नूतन सद्आचार मिल गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
#क़ता (मुक्तक)
#क़ता (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
कसूर किसका
कसूर किसका
Swami Ganganiya
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
// स्वर सम्राट मुकेश जन्म शती वर्ष //
// स्वर सम्राट मुकेश जन्म शती वर्ष //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
?????
?????
शेखर सिंह
💐प्रेम कौतुक-343💐
💐प्रेम कौतुक-343💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भूमकाल के महानायक
भूमकाल के महानायक
Dr. Kishan tandon kranti
दंभ हरा
दंभ हरा
Arti Bhadauria
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ख़यालों के परिंदे
ख़यालों के परिंदे
Anis Shah
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**"श्रद्धा विश्वास रुपिणौ'"*
Shashi kala vyas
बादल बनके अब आँसू आँखों से बरसते हैं ।
बादल बनके अब आँसू आँखों से बरसते हैं ।
Neelam Sharma
अनुप्रास अलंकार
अनुप्रास अलंकार
नूरफातिमा खातून नूरी
कोई नहीं करता है अब बुराई मेरी
कोई नहीं करता है अब बुराई मेरी
gurudeenverma198
क्या है मोहब्बत??
क्या है मोहब्बत??
Skanda Joshi
विद्यादायिनी माँ
विद्यादायिनी माँ
Mamta Rani
कैसा क़हर है क़ुदरत
कैसा क़हर है क़ुदरत
Atul "Krishn"
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
श्याम सिंह बिष्ट
Loading...