#मेरे नयनों के उजियारे
🕉
★ #मेरे नयनों के उजियारे ★
हे त्रिनेत्र त्रिशूलधारी
तीनों लोकों से न्यारे
माँ गौराँ के हृदयेश्वर
प्राणवल्लभ प्रीतम प्यारे
मेरे नयना बस जाओ
मेरे सूरज – चाँद – सितारे
मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !
आस का पँछी उड़-उड़ जाए
ढूंँढे रैन बसेरा
काली रात लगे मनभावन
दिन लगे दु:खों का डेरा
कभी इस पार कभी उस पार
मन डोले तुझको पुकारे
मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !
पेड़ की जड़ धरती में बाँधी
ऊपर फूल खिलाए
माली सींचे भरी दुपहरी
जामुन बन्दर खाए
लूट गए सुख-चैन लुटेरे
सब छूट गए हैं सहारे
मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !
कब साथी छूटे कोई तारा टूटे
कोई समझ नहीं पाए
फूल-फूल भटकती मधुमक्खियाँ
मधु भालू पी जाए
बात सब बिगड़ी दुनिया उजड़ी
बन गए हैं हम बेचारे
मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !
इक सुत तेरा देवों का रक्षक
दूजा गणपति कहावे
निर्धन निर्बल पर आन पड़ी है
ज़रा कह दे किसको बुलावे
बलवानों के सब बन जाते
मेरी बिगड़ी कौन सँवारे
मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !
नाथों के नाथ भूतों के स्वामी
जटाओं में गंगा-धारा
भस्मरचैया मुखड़ा भोला
मनोहर सुन्दर प्यारा
तेरा हूँ मैं तेरा ही हूँ
मेरे दु:ख-सुख तेरे सारे
मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२