मेरे दीदी आप के लिए
में रोया हु वो हर अंधारी रात में,
जब आप साथ में नही होते हो दीदी….!!
हर जगह पर घूम लिया है मैंने,
पर आप के जैसा कोई दूजा नही मिला मुझे दीदी….!!
जब में रोता हु हर रात को,
तब आप सिर्फ बातो से पता कर लेते हो दीदी…..!!
आज भी रात अंधारि हैं,
आसू तो आज भी मेरे गिरे है….!!
बस फर्क इतना है,
आप का प्यार साथ में नही है आप का साथ नही है….!!
पता नहीं की में आज क्या लिख रहा हु,
जैसे तैसे में अपने शब्दो में अपनी बाते जोड़ रहा हूं…!!
की आप की हर बात याद है मुझे,
आप की हसी मजाक साथ में वो प्यारी डाट भी…!!
आप को लगता है ऐसा की में आप को याद नही करता,
हा में बोलता हु ज्यादा थोड़ा कड़वा पर झूठा दिखावा नहीं करता…..!!
आज हो कर में अकेला फिर से आप को याद कर रहा हूं,
मां आप लॉट आओ फिर से आंखे नम दिल से बस एक गुहार लगा रहा हूं….!!
देखो ना दीदी की चिकनी चुपड़ी बाते को सच समझा जाता है,
सच्चे प्यार को लोग बस दिखावा समझा जाता है….!!
की दीदी में जनता हु आप का और मेरा मिलना कभी हो नही सकता,
बस 1 कॉल कर दो फिर से मुझे जी भर कर दुनिया की शिकायत मां में आप से करना चाहता हूं…!!
की कर के आप से बात में एक याद रखना चाहता हूं,
मेरे इस दिल की तिजोरी में दीदी आप की एक तस्वीर रखना चाहता हूं….!!
लगा लेना दीदी मुझे गले आप एक बार,
लग कर में आप के गले से जी भर कर रोना चाहता हूं….!!
कहे कलम घनश्याम की की पता नहीं की आप से कब मिलना होगा या नहीं होगा,
पर जब भी आप मिलो मेरे सर पर आप के हाथ रखना चाहता हूं…..!!
( मेरे दीदी आप के लिए )