मेरे दिल की धड़कन बढ़ाओ न ऐसे….
ये चिलमन में चेहरा छुपाओ न ऐसे,
मेरे दिल की धड़कन बढ़ाओ न ऐसे।
तुम्हें भर नज़र देखना चाहता हूँ,
नज़र फेरकर अब सताओ न ऐसे।
यही मेरी चाहत है दिल में रहो तुम,
किसी और से दिल लगाओ न ऐसे।
जो उल्फ़त के दीपक जलाये थे मैंने,
हवा दे के उसको बुझाओ न ऐसे।।
सफ़र है कठिन दूर मंज़िल है अपनी,
सरे राह काँटे। बिछाओ न ऐसे।।
बहुत आज़माया है लोगों ने मुझको,
मुझे और तुम आज़माओ न ऐसे।।
चाहत अगर तुमको मुझसे है “”
तो बाहें झटक करके जाओ न ऐसे।।।
(संजीव पासवान)