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16 Oct 2024 · 1 min read

मेरे जीवन में फूल-फूल,

मेरे जीवन में फूल-फूल,
तेरे मन में कलियाँ-कलियाँ
रेशमी शरम में सिमट चलीं,
रंगीन रात की अठखेलियाँ
चंदा डूबे, सूरज उगता,
अल्फाजों से प्रेम रचता हूँ
पढ़ती हो तुम कविता मेरी ,
मैं कविता में तुमको गढ़ता हूँ

हिमांशु Kulshrestha

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