मेरे जीवन में फूल-फूल,
मेरे जीवन में फूल-फूल,
तेरे मन में कलियाँ-कलियाँ
रेशमी शरम में सिमट चलीं,
रंगीन रात की अठखेलियाँ
चंदा डूबे, सूरज उगता,
अल्फाजों से प्रेम रचता हूँ
पढ़ती हो तुम कविता मेरी ,
मैं कविता में तुमको गढ़ता हूँ
हिमांशु Kulshrestha