– मेरे जीवन की अभिनव अनुभूति –
– मेरे जीवन की अभिनव अनुभूति –
अपनो का छल उजगार हुआ तब,
पीड़ाओं से सामना हुआ जब,
विपदाओं ने घेरा था जब,
अपने हुए पराए थे तब,
संकटों के बादल घिर आए तब,
दोस्त काम ना आए थे जब,
दोस्त अपनी औकात बताए थे तब,
खुदगर्जी में सब नहाए थे तब,
कोई काम ना आए थे तब,
हुई मुझे मेरे जीवन की अभिनव अनुभूति,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –