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6 Feb 2021 · 1 min read

मेरे घर के दरवाजे

दरवाजा हवा नहीं
खटखटाती
कोई न कोई हमेशा
होता है
जब भी उसे खोलो तो
यह काम के सिलसिले
कब थमेंगे
यह वक्त के दौड़ते पहिये
कब रुकेंगे
मेरा साथ कब तक
देते रहेंगे
यह दुनिया वाले
मेरे घर के दरवाजे के बाहर
सांकल लगाकर
उसमें ताले कब जड़ेंगे।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
322 Views
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