मेरे गीत जामाना गायेगा
मेरा अस्त्तित्व तेरे कारण,
मैं तेरी ही परछांई हूँ।
पुष्पलता तेरे उपवन की,
बन कर के मैं आई हूँ।
मैं डैडी की नाज़ हूँ,
उनकी ही आवाज हूँ।
दूध पिला कर बड़ा किया,
उस मम्मी की गुड़िया रानी।
जहां इशारा डैडी तेरा,
मुझको है वो मंजिल पानी।
मैं एक पक्षी परवाज़ हूँ।
मैं डैडी की नाज़ हूँ,
उनकी ही आवाज हूँ।
दुनिया मेरा हुनर देखिगी,
मेरे गीत जमाना गायेगा।
ईश्वर की कृपा से एक दिन,
डैडी!ऐसा दिन आएगा।
हाँ,अभी तो बस एक राज़ हूँ।
मैं डैडी की नाज़ हूँ,
उनकी ही आवाज हूँ।
‘वैष्णवी’ नाम है लक्ष्मी का,
वैसा बनके दिखलाऊँगी।
मुझ पर जो विश्वास है तेरा,
निश्चय उसे निभाउंगी।
कुछ ऐसा ही अंदाज हूँ।
मैं डैडी की नाज़ हूँ,
उनकी ही आवाज हूँ।
सतीश सृजन, लखनऊ।