मेरे ख्वाबों का क़ातिल बता दो
मेरे ख्वाबों का क़ातिल बता दो
या बीते पल यादों से मिटा दो
माना हर मसले का हल नहीं है
तो फिर जीने का रस्ता बता दो
गर खतावार हूँ तो है गुज़ारिश
आज हथकड़ियाँ मुझको लगा दो
नाम-ए-दिलबर लिखते हो जहाँ भी
यारो मेरा नाम वहीं लिखा दो
पहले खुल के मिरी खता बता दो
फिर जो चाहे मुझे सज़ा सुना दो
परदा डालो के दिखती ग़रीबी
दूध ज़रा सा पानी में मिला दो
दिल का गुलशन’सरु’खिल के रहेगा
यारो मुफ़लिस का मुखड़ा खिला दो