मेरे कृष्ण की माय आपर
नटखट पनघट पर
झटपट तोड़त नार
भ्रम टंकार मार
खींचत भ्रम तार
मटकी मखान से भर
जात देखत जब नार
फोड़त पाप मन मटकी
भर कर हुंकार
माया का काट जाल
प्रेम का करते प्रचार
मार्ग जो था कुमार्ग
उसको बनाते स्तमार्ग
मेरे कृष्ण की
माय आपर
मेरे कृष्ण की
माय आपर
नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही मध्य प्रदेश