मेरे आंगन की ज्योति बिटिया।
बिटिया तू आंगन की चिड़िया है।
बिटिया तू दीपक की ज्योति है ।
बिटिया बिना संसार अधूरा है
बिटिया बिना होत ना जगत उजियारा
बिटिया तू हर घर की लक्ष्मी है ।
बिटिया तू आंगन की चिड़िया है ।
बिटिया तेरे बिना घर सूना सा लगता है ।
जब तू ससुराल चली जाती है ,
मेरे आंगन की तुलसी सूख जाती है।
बचपन की तेरी यादें हमें बहुत रुलाती है ।
वह हंसी ठिठोली करना।।
याद तेरी आती है।।
सुना होते अत्याचार बिटिया पर आंख मेरी भर आती है
कैसे लिखू बिटिया की महिमा
मेरी कलम टूट जाती है
मेरी कलम टूट जाती है
कालूराम अहिरबार
ग्राम जगमेरी तहसील बैरसिया जिला भोपाल
M. 8120650431