मेरे अल्फ़ाज़
वो मेरे अल्फ़ाज़ को ताना तीर समझ बैठा!
नादान मेरी कलम को शमशीर समझ बैठा!
नाकाम सारी कोशिशें फ़ैसले ना थे हक में!
मंज़ूर-ए-खुदा कह के तकदीर समझ बैठा!
#LafzDilse By Anoop Sonsi
वो मेरे अल्फ़ाज़ को ताना तीर समझ बैठा!
नादान मेरी कलम को शमशीर समझ बैठा!
नाकाम सारी कोशिशें फ़ैसले ना थे हक में!
मंज़ूर-ए-खुदा कह के तकदीर समझ बैठा!
#LafzDilse By Anoop Sonsi