मेरी हर नज़्म की शुरुआत हो तुम
पानी में घुलनशील जैसी कोई पदार्थ हो तुम
मेरे दिल में बसी मेरे जज़्बात हो तुम
मेरा दिन मेरा रात हो तुम
खिलखिलाते फूलों की तरह महकती एहसास हो तुम
मेरी हर नज़्म की शुरुआत हो तुम
रूह की तरह मेरे जीस्त का साथ हो तुम
अनकही अनसुलझी पहली का राज हो तुम
मेरी मंज़िल भी तुम उसकी राह भी हो तुम
मेरा घरबार हो तुम मेरा संसार हो तुम
मेरी तिश्रगी भी तुम मेरा आब भी हो तुम
मेरा दर्द भी तुम उसका अस्बाब भी हो तुम
मेरे हर जख़्म का इलाज़ भी हो तुम
मेरा कल भी थी तुम मेरा आज भी हो तुम
मेरे भविष्य का भी साथ हो तुम
मेरा खुदा भी तुम मेरी रज़ा में भी हो तुम
मेरी दुआओं में बस तुम ही तुम
भूपेंद्र रावत
16।11।2017