” मेरी सजगता “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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कभी लिखता हूँ
कभी गाता हूँ
कभी अपने गीतों से
सबका मन बहलाता हूँ !!
अभिनय की कला
को ना सीख सका
पर अभिनय को
ना कभी छोड़ सका !!
नृत्यों की विधा को
ना मैने पहचाना
फिर भी मेरे अंगों
ने इसको जाना !!
सब भाषाओं को
मैं प्यार करूँ
सब धर्मों को भी
मैं सत्कार करूँ !!
भेद -भाव की बात
कभी नहीं करता हूँ
झूठी राजनीति से
हरदम दूर मैं रहता हूँ !!
छोटे-बड़े और समतुल्य
सभी को प्यार करूँ
उनकी भंगिमाओं को
सदा मैं स्वीकार करूँ !!
हूँ सजग अभी तक
जबतक साँसें चलती है
वही कहूँगा जो मैं
जो जुबां मेरी कहती है !!
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड
भारत
16.09.2022