मेरी विवशता
जब भी मैं किसी अस्पताल में जाता हूँ,
तो खुद को पूर्ण विवश पाता हूँ,
इलाज के नाम पर करते हैं ढोंग
निर्ममता के नाम पर रहते हैं मौन
क्यों करते हैं वे लोग ऐसा,
गरीबों से लेते है अनावश्यक पैसा,
मन तो किया कि सब ठीक कर दूँ
देकर अपनी जान उनको जीवित कर दू
बहुत दुःख देते है वो अस्पताल के लोग
इलाज के नाम पर करते है ढोंग
मन अत्यंत विछुब्ध हो जाता है
खुद का रोम रोम सकपका जाता है ।
।। आकाशवाणी ।।