!! मेरी विवशता !!
पहन के रेनकोट मैं भीग नही पाऊंगा,
बात अपने मन की मैं कह नही पाऊंगा
चहक उठेगा जमाना सुन के मेरी बात को,
पर देख के हालात मैं चुप न रह पाऊंगा ।
जो हर मन को भाए, वो बात नही कर पाऊंगा
देकर किसी को धोखा, मैं खुश नही रह पाऊंगा
ले लूंगा मैं चुप्पी किसी का दिल दुखाने से
दूसरे का दिल दुखाने से मैं खुश नही रह पाऊंगा
कभी कान्हा कभी गांधी के मैं बोल गुनगुनाउंगा
लेकर कबीर के विचार, हर जन तक मैं पहुँचाऊंगा
है एक आरज़ू, दिल की ख्वाहिश एक है
बोल कर के मन की बात, दिलों में जगह मैं बनाऊंगा
नेता और साहूकार से, मैं मेल न रख पाऊंगा
हर गरीब और रहमदिल को दिल से मैं लगाऊंगा
लेकर के लैपटॉप, मैं लिख नही पाऊंगा
जो कहना है मुझको आज, वो कल न कह पाउँगा
क्या तेरा है क्या मेरा है, इन सब में न फंस पाऊंगा
जो ग़र देश को हुई पीड़ा, तो सह नही पाऊंगा
!! आकाशवाणी !!