मेरी रूह
(1)????
मेरी रूह मुझे छोड़ गई….
मेरे हाथों से निकलकर
तेरी यादों से लिपट गई…..
?????
(2)????
मेरी रूह मेरी जिस्म
छोड़ कर चली……..
तेरी यादों की खुश्बू में
तितली बनकर उड़ी…..
?????
(3)????
तेरा अक्स
मेरी रूह में समाया है,
खुश्बू बन
मेरे ख्यालों को महकाया है।
मैं अब मैं ना रही,
बन गई जिस्म तेरा साया है।
?????-लक्ष्मी सिंह?☺