मेरी मोहब्बत
मेरी मोहब्बत की कहानी,
जो है दुखद और रूवानी।
जब मिले हम पहली दफा,
देखकर मुझे हो गई खफा।
नजरे मिलते ही तुमसे,
दिल में एक अरमान जगा।
तुम तो अनजान थी,
न जाने क्यों अपना सा लगा।
तड़पने लगा तुम्हें पाने को,
क्या दिन क्या रात।
चोरी चोरी चुपके चुपके,
मोबाइल पर करने लगे बात।
बातों का सिलसिला चलता रहा,
दिल मेरा मचलता रहा।
इजहार अपने प्यार का,
करने से डरता रहा।
” पुष्पराज फूलदास अनंत “