मेरी माँ
माँ तू चाँदनी सी चमक,
माँ तू रोशनियों सी रोशनी,
माँ तू लहर सी लहरायें,
माँ तू झरने सी झर-झर बहती जायें,
माँ तू बादलों पर भी हवाओं सी उड़े,
माँ तू नदियों के जैसी पानी पानी,
माँ तू सूंदर-सूंदर सी प्यारी,
माँ तू सागर सी उफ़नती लहर,
माँ तू कोमल सी लचीली,
माँ तू प्रेम कि प्याली,
माँ तू होठों कि सरगम,
माँ तू आईने का दर्पण,
माँ तू आँखों-आँखों से ओझल,
माँ तू शहद सी मीठी,
माँ तू अंगारों सी अंगार,
माँ तू सपनों कि सौदामिनी,
माँ तू मेरे लिये बहुत अनमोल हैं,
“हार्दिक महाजन”