मेरी भी कहानी कुछ अजीब है….!
मेरी भी कहानी, कुछ अजीब है
मेरा कोई दोस्त, न रकीब है
जिंदगी है एक तितली, रंग लेके हाथ फिसली
जाने हाथ किसके, अब नसीब है
मेरी भी कहानी,कुछ अजीब है
रास्तों पर चल रहा हूं, बन दीवाना गा रहा हूं
कुछ इधर से जा रहा हूं, कुछ उधर से आ रहा हूं
शब्द मेरे भाव उसके, आज मन में जो हैं सिसके
गीत उसका जो मेरे, अब करीब है
मेरी भी कहानी०……
मस्त चलती हैं हवाएं, जो महकती ये फिजाएं
कलियां खिलती गुलशनों में, उड़ते पंछी गुनगुनाएं
झूमतें से हैं जो बादल, आंखों में है उनके काजल
मौसम ने खोली जो जंजीर है
मेरी भी कहानी०……
थोड़ी सी आंच तन में, थोड़ा सा धुआं घन में
सहने को दुःख है मन में, यादें हैं जो रुदन में
मौन से जो हैं ये पर्वत, चीरती जो नदिया निकली
शोर पानी का है या सलीब है
मेरी भी कहानी०……