मेरी बिटिया “यामिनी”
मेरी बिटिया मेरा सपना
उसके सिवा न कोई अपना
वो है मेरी जीत
मेरा सपना पूरा करती
मुझसे बेहद प्यार वो करती
नन्हे-नन्हे पग चल-चल कर
ऊंचाई पर वो है चढ़ती
रोज नई कविता है गढ़ती
मेरी दुनिया मेरी बिटिया
वो है जग की प्रीत
पूनम की रात चांदनी
उसका मेरा है दुनिया में आना-जाना
मै “प्रभा” हूं वो मेरी यामिनी।।